Header Ads


दोस्ती के वो कुछ मायने...  




दोस्तों की किल्लत मुझे बचपन से थी, शायद ऐसा लगता था मानो उप्पर वाले ने इसमें मेरे हिस्से मैं रिसेशन किया हो। मगर हां एक बात का मैंने विशेष रूप से ध्यान रखा कि कोई भी पढ़ा-लिखा या बुद्धिजीवी टाइप का दोस्त बने। वो क्या है की ज़रुरत से ज़्यादा पढ़े-लिखे दोस्तों से दोस्ती करने के अपने लफड़े हैं। वो या तो हमेशा पढ़ाई-लिखाई की बातें करेंगे या फिर दुनिया-जहान का ज्ञान बांटेंगे।दोस्त ऐसे हों जिनके साथ आप जिंदगी का हर आनंद उठा सकें। जिंदगी के वो पाठ जो आप किताबें पढ़कर जान पाए, दोस्त लोग हंसते-खेलते सीखा दें। किस्म-किस्म की बदमाशियां दोस्ती की पहली निशानी होती हैं। ये मेरा व्यक्तिगत अनुभव रहा है कि जरूरत के वक्त पढ़े-लिखे दोस्तों से कहीं ज्यादा काम बदमाश (बिंदास) टाइप दोस्त आते हैं। कुछ दोस्ती यारी ज़िन्दगी भर का छाप छोड़कर चली जाती है और ऐसा ही एक किस्सा मेरे साथ हुआ।  पढ़ने मैं शायद ताज्जुब लगे मगर मज़ा आये इसकी पूरी गारंटी है।

दोस्ती के मायने अब हर किसी के लिए मतलब के रह गए है और अगर आपको कहीं से भी गहरी मित्रता की कहानी और किस्से सुनने को मिल गए तोह इससे आप अपनी खुशनसीबी ही समझिये। हम अक्सर अपनी ज़िदगी मैं इतना खो जाते है नाम और शौहरत कमाने के चक्कर मैं की अपने दोस्तों को कहीं भूल जाते है। उन कैंटीन की खट्टी मीठी यादें, वोह साथ मैं घूमना फिरना, वो देर रात तक फ़ोन पर एक दुसरे की उलझने सुलझाना ये सब कहीं खो सा गया है।  इस व्हाट्सप्प की दुनिया ने हमसे हमारा बहुत कुछ छीना है।  अब तो आलम ऐसा है की उनके ऑनलाइन होने का इंतज़ार रहता है और वो जल्दी से मैसेज पढ़ले इसकी उत्सुकता रहती है। अब रातों की वो लम्बी लम्बी बातों ने व्हाट्सप्प का सहारा लेना शुरू करदिया है।  अब उन मुलाक़ातों ने बहानो का सहारा लेना शुरू कर दिया है। अब उन कैंटीन की दोस्ती यारी ने दुनियादारी का चोगा पहनना शुरू कर दिया है।

ये लिखते लिखते एक बात जो कहीं पढ़ी थी वो दिमाग मैं आयी : वक़्त की यारी तो हर कोई करता है, मज़ा तो तब आता है, जब वक़्त बदल जाये मगर यार ना बदले।

हम अक्सर ज़िन्दगी मैं चीज़ों के लिए इतना भागते है की पीछे का छूठ रहा है उसका अंदाज़ा नहीं लगा पते और जिसका अफ़सोस हमें कुछ समय बाद होता है। अगर आप किसी के लिए मायने रखते है या आप उसके लिए स्पेशल है तो दो मिनट रुकर सोचिये की इस भागदौड़ और मतलबी दुनिया मैं ऐसा हो रहा है तो उस इंसान को अपनी ज़िन्दगी से कहीं मत जाने दीजिये।  ज़न्दगी मैं रुलाने वाले बहुत मिलेंगे मगर अगर कोई आपको खुश देखकर खुश है तो वो आपका पक्का दोस्त है।

 ज़िन्दगी का कोई भरोसा नहीं है  कब क्या हो, इसलिए बेहतर है की आप आज ही अपने दोस्तों को कॉल करे जिनसे आपका संपर्क टूट चूका है और उनको ये बात जताये की उनके लिए दोस्ती कितनी ज़रूरी है और उसकी क्या एहमियत है।  काम और दुनियादारी कभी रुकेगा नहीं पर वो ख़ास इंसान जिसे आप दोस्त बोलते है वो शायद रहे। ज़िन्दगी से कुछ पल चुराकर अपने करीबी दोस्त को वक़्त दे और उन पुरानी यादों को फिर से जीए।  

 

 

 

 

2 comments:

  1. Yaaro ka Yaar
    Prachi desai arya khan❤️
    Very well framed and written.

    ReplyDelete
  2. True friend is really hard to find and is a treasure to cherish. Well written prachi. Keep writing

    ReplyDelete